उल्लू बोला – नहीं मित्र हंसिनी तुम्हारी ही पत्नी है और तुम्हारी ही रहेगी। गुरूजी की इस बात को सुनकर शिष्य अत्यत दुखी हुआ. उसे गुरूजी द्वारा ऐसे शब्द कहें जाने की उम्मीद नहीं थी। और वह शिष्य अपने आप को ज्ञानवान अक्लमंद भी समझता था सो उसके अहम को https://lokhitkhabar.com/