हर बार तुम से मिल के बिछड़ता रहा हूँ मैं वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा !! “मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें दोहरी शक्सियत रखनें से इन्कार है हमें, चारों तरफ़ दरिया की सूरत https://youtu.be/Lug0ffByUck