श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन https://shivchalisas.com